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कवर्धा:- सरस मेला के पहले दिन नही दिखा लोगो की मेले को लेकर दिलचस्पी,चैंबर ऑफ कॉमर्स के व्यापारियों से स्टॉल लगाने के नाम पर 10-10 हजार रुपए वसूली का मामला आया सामने।

सरस मेला के पहले दिन नही दिखा लोगो की मेले को लेकर दिलचस्पी,इधर चैंबर ऑफ कॉमर्स के व्यापारियों से स्टॉल लगाने के नाम पर 10-10 हजार रुपए वसूली का मामला आया सामने व्यापारियों ने लगाया आरोप,प्रचार प्रसार की दिख रही कमी लोगो को तक नही पहुंच पाया जानकारी

महिला स्व सहायता समूह का पंडाल पीछे और कार्यक्रम का स्टेज आगे यह कमाल है… जिला पंचायत अधिकारी का

कवर्धा के व्यापारियों से प्रति स्टॉल 10 हजार…और 2 लाख रुपए कवि सम्मेलन कराने के लिए किया चंदा की मांग..व्यापारियों ने स्टॉल लगाने से किया मना

पहले दिन से ही क्षेत्रीय सरस मेला जिला पंचायत के एक जवाबदार अधिकारी के चलते बिना प्रचार प्रसार बिना आमंत्रण के पहले दिन ही कार्यक्रम फ्लाफ दिखाई दिया जिन महिला स्व सहायता समूह के प्रोडक्ट को लोगों तक प्रचार प्रसार के माध्यम से आगे लाने के लिए डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने पहल किया था सरस मेला का उसे उद्देश्य से भटकाकर जिला पंचायत अधिकारी ने कार्यक्रम का मनोरंजन करने के लिए स्टेज पहले बनवाया और जिनका प्रचार प्रसार लोगों तक करना था उनका पंडाल पीछे लगाया गया कुल मिलाकर यह कहा जाए कि यह मेला एक चंदा उगाही का अधिकारी के द्वारा एक माध्यम बना है आज कवर्धा के भी व्यापारियों के द्वारा यह आरोप लगाया गया कि सरस मेला में पंडाल लगाने के लिए 10 हजार रुपए प्रति पंडाल पेमेंट करना पड़ेगा और 2 लाख कवि सम्मेलन के लिए चंदा देना पड़ेगा अधिकारी के एजेंट के इस प्रस्ताव से व्यापारी तैयार नहीं हुए और उन्होंने यह फैसला लिया कि हम क्षेत्रीय सरस मेला में पंडाल नहीं लगाएंगे अब यह देखने वाली बात है की एक तरफ राज्य शासन डिप्टी सीएम विजय शर्मा जी महिला स्व सहायता समूह को आगे लाकर महिला सशक्तिकरण के लिए उदाहरण देना चाहते हैं तो वही जिला पंचायत अधिकारी उनके इस सोच के सिस्टम को बिगड़ रहे हैं यह कहने में बिल्कुल संकोच नहीं होगा की जिला पंचायत अधिकारी के द्वारा लोकप्रिय विधायक की छवि को धूमिल करने का काम किया जा रहा है ऐसे में क्या कबीरधाम जिले में जो लोकप्रिय विधायक की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं उनको इस जिले में रहने का अधिकार कौन देता है?…

जिला पंचायत सीईओ की अडियल रवैए के कारण प्रचार प्रसार में कमी शहर के गणमान्य नागरिकगण प्रतिनिधियों को आमंत्रण का नहीं देना और अपने किसी एजेंट के माध्यम से व्यापारियों से 2 लाख कवि सम्मेलन के लिए चंदा मांगना कया सही है ऐसा गैस सूत्रों से पता चला है इस प्रकार इस पूरे सरस मेला में देखा जाए तो जिस उद्देश्य को लेकर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने यह मेला कराया है उसे मेले का सत्यानाश करने जिला पंचायत सीईओ का हाथ है साथ ही लोकप्रिय विधायक और डिप्टी सीएम विजय शर्मा की छवि को धूमिल करने का भी प्रयास किया जा रहा है।

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