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कवर्धा:- नल जल योजना में नही थम रही भ्रष्टाचारी जिले में भ्रष्टाचारी अपने चरम सीमा पर। हर बार जाँच के नाम कार्यवाही शून्य इसलिए बढ़ गये ठेकेदार और अधिकारी के हौसले।

कवर्धा:- नल जल योजना में नही थम रही भ्रष्टाचारी जिले में भ्रष्टाचारी अपने चरम सीमा पर। हर बार जाँच के नाम कार्यवाही शून्य इसलिए बढ़ गये ठेकेदार और अधिकारी के हौसले।

नल जल योजना में नही थम रही भ्रष्टाचारी। गृह मंत्री के जिले में भ्रष्टाचारी अपने चरम सीमा पर।

हर बार जाँच के नाम कार्यवाही शून्य इसलिए बढ़ गये ठेकेदार और अधिकारी के हौसले।

बोड़ला – नेउरगाव खुर्द का मामला जहाँ नल जल योजना में जमकर भ्रष्टाचारी देखने को मिली। घर घर शुद्ध पेय जल आपूर्ति हेतु यह योजना लागू हुआ मानो लोगों का सपना साकार होने वाला है पर इस योजना से ठेकेदार मालामाल हो रहे है और वहीं यह योजना मटिया मेट होते जा रहा है। ठेकेदार अपना गिनती और बिल बढ़ाने के चक्कर में ऐसे जगह FHTC आम भाषा में चबूतरा बनाया गया है जहाँ दूर दूर तक कोई घर नही है। खेत में FHTC बनाकर ठेकेदार ने अपना लाभ देखा है क्यूंकि जितना ज्यादा FHTC उतना ज्यादा राशि ठेकेदार को मिलती है। शासन का निर्देश था की जहाँ लोगों का घर है वहाँ निर्माण करें जहाँ कोई नही रहता ऐसे जगह FHTC निर्माण कार्य ना करें एक साथ एक जगह पर FHTC ना बनाये फिर भी ठेकेदार द्वारा पी एच ई विभाग के आपसी साठ गाठ के चलते लाखों का चूना शासन को लगा रहें है। ठेकेदार द्वारा पंचायत के पाइप लाइन में ही लगभग 300 से 400 मीटर कनेक्शन किया गया है जबकि इन्हे नया पाइप लाइन डालना है जिसका विरोध गांव वाले के द्वारा किया गया था उसके बाद भी विभाग खामोश बैठे ठेकेदार का बिल पास किये जा रहें है। इस विषय पर ठेकेदार से बात हुई तो बताया की मै राजस्थान में हूँ और सबका आधार कार्ड और राशन कार्ड लेकर निर्माण किया हूँ पाइप लाइन पंचायत का है तो उसे मै खुदवाकर नया पाइप लाइन डाल दूंगा मुझे खुद ज्यादा जानकारी नही है। वहीं नल का निप्पल जंक लग चूका है तो किसी भी नल में टोटी नही लगाई गई है, पाइप पुरी तरह ऊपर पड़ा है जिसे एक फीट निचे दबा होना चाहिए।FHTC चबूतरा का निर्माण पाँच फीट लम्बा और पाँच फीट चौड़ा होना था ग्यारह इंच की हाईट लेंटर ढलाई होनी चाहिए,पर कोई चबूतरा इस मानक में नही बना है और TPI तृतीय पक्ष जांच एजेंसी व इंजिनियर की मिलीभगत से ठेकेदार का बिल निकल जा रहा है। एस डी ओ गोपाल ठाकुर ने इस विषय पर कोई जवाब ही नही दिया। बोड़ला कार्यालय में इनकी उपस्थिती ना के बराबर है जब भी कार्यालय जाओ तो वहाँ के कर्मचारी बताते है की नहीं आये है। ऐसे में घर बैठे ही अधिकारी कार्य का मूल्यांकन कर रहें है तो गुणवक्त्ता कहाँ नजर आएगी। पूर्व कलेक्टर ने कई बार जाँच करवाने का आश्वासन दिया पर जाँच की फाइल किस वजन में दब जाती है ये सोचने वाली विषय है। जिले में नये कलेक्टर की तत्परता और विभागों को दिए जा रहें निर्देश से लगता है की अब लोगों को न्याय व जाँच शीघ्र होगी।

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