कलेक्टर वर्मा ने पंजीकृत किसान का एग्रीस्टेक पोर्टल में किए जा रहे लिंक कार्यों का किया निरीक्षण

पंजीकृत किसान का पूरा खसरा एग्रीस्टेक पोर्टल से होगा लिंक, समितियों में जाकर करवा सकते हैं अपडेट
कलेक्टर ने ग्राम बिरकोना, हरिनछपरा और धरमपुरा धान उपार्जन केंद्रों में पहुँचकर किसानों से की चर्चा
कवर्धा।जिले में एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीकृत किसानों के छूटे हुए खसरा का पोर्टल में लिंक करने का कार्य अभियान चलाकर किया जा रहा है। किसानों को अब अपने-अपने समितियों में ही खसरा मिलान कर उसे पोर्टल में लिंक कराने की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है, जिससे किसी भी किसान को अनावश्यक भटकना नहीं पड़ेगा। कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने आज कवर्धा के ग्राम बिरकोना, हरिनछपरा और धरमपुरा धान उपार्जन केंद्रों में पहुँचकर छूटे हुए खसरों का पोर्टल में किए जा रहे लिंक कार्यों का सघन निरीक्षण किया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि जिले के हर पंजीकृत किसान का पूरा खसरा एग्रीस्टेक पोर्टल में लिंक होगा। कोई भी किसान वंचित नहीं रहेगा और सबका धान खरीदा जाएगा।
कलेक्टर ने उपार्जन केंद्रों में समिति प्रबंधकों को निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी किसान को भटकने, परेशान होने जैसी स्थिति नहीं आनी चाहिए। पंजीकृत सभी किसान के खसरे का पोर्टल में लिंक करना आपका दायित्व है इसे पूरी ईमानदारी से निभाएँ। उन्होंने पटवारियों और ग्रामीण विकास विस्तार अधिकारियों को निर्देशित किया कि गांव-गांव में सूचना पहुँचाई जाए, किसानों से व्यक्तिगत संपर्क कर उन्हें धान खरीदी केंद्र में ही खसरों को लिंक करवाने के लिए प्रेरित करें। कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि छूटे हुए सभी खसरों का पोर्टल में लिंक केंद्रों में ही किया जाएगा, कहीं और जाने की आवश्यकता नहीं है। इस दौरान एसडीएम श्री चेतन साहू खाद्य अधिकारी श्री सचिन मरकाम, भोरमदेव शक्कर कारखाना के एमडी श्री जी एस मिश्रा, तहसीलदार श्री प्रमोद चंद्रवंशी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे
कलेक्टर श्री वर्मा ने कंप्यूटर ऑपरेटरों को दो दिनों में निरंतर कार्य कर सभी लंबित खसरों का पोर्टल में लिंक के कार्य को पूर्ण करने के निर्देश दिए। साथ ही इस अभियान में सरपंचों, पंचों और सचिवों को भी सक्रिय रूप से भागीदारी निभाने को कहा है, ताकि एक भी किसान जानकारी से वंचित न रहे। किसानों से सीधे चर्चा करते हुए कलेक्टर वर्मा ने कहा कि जिनका खसरा एग्रीस्टेक पोर्टल में लिंक नहीं है, वे समिति में ही अपडेट करा सकते हैं। एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीकृत एक से अधिक खसरे वाले ऐसे किसान जिनके सभी खसरों में से कुछ खसरे पोर्टल में उनके एग्रीस्टेक आईडी में प्रदर्शित नहीं हो रहे हैं या लिंक होना शेष रह गए हैं, ऐसे खसरों की पहचान कर समितिवार सूची बनाई गई है, तथा उसे समितियों के बाहर चस्पा किया गया है। किसानों से आग्रह किया जाता है कि वे समितियों में जाकर अपने छूटे हुए खसरों का मिलान कर उसे पोर्टल में लिंक करवा सकते हैं। इसके लिए किसान समितियों के किसान सहायता केंद्र में सुबह 09 से 05 तक समितियों में जाकर वहां के ऑपरेटर अथवा ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
जिला खाद्य अधिकारी श्री सचिन मरकाम ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में धान खरीदी हेतु भारत सरकार, कृषि मंत्रालय के एग्रीस्टेक पोर्टल में किसान पंजीयन अनिवार्य किया गया है। एग्रीस्टेक पोर्टल में किसान को प्राप्त फार्मर आईडी के साथ उनके फॉर्म आई डी (खसरे) को लिंक किया जाना है। वर्तमान में एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीकृत कृषक के ऐसे खसरे जो यूनीफाइड फार्मर पोर्टल में पंजीकृत थे वो कैरी फारवर्ड हो गए है परंतु वो समस्त खसरे एग्रीस्टेक में फार्मर आईडी के साथ लिंक नही है, उनमें से कुछ खसरे लिंक होने रह गए हैं। इन समस्त छुटे हुए खसरों को एग्रीस्टेक पोर्टल में माध्यम से जोड़ा जाना है ताकि समिति स्तर पर ये सभी खसरे खरीदी हेतु उपलब्ध हो सके।

